The 2-Minute Rule for पारद शिवलिंग कहा मिलता है
The 2-Minute Rule for पारद शिवलिंग कहा मिलता है
Blog Article
पठन सेटिंग्स खाता बनाएँ लॉग-इन करें व्यक्तिगत उपकरण खाता बनाएँ
ग्रंथों में बताया गया है कि पारद स्वयं सिद्ध धातु होती है। इसका वर्णन चरक संहिता समेत कई पुराणों में मिलता है।
पुढील लेखात शिव अभिषेख ची अजून माहिती सादर करेन.
नाभि से कुंडलिनि बनकर पार्वती चली नहाने
In massive cities in which nuclear households would be the get with the working day, Siddh Parad Shivling Advantages worship will harmonise the associations amongst all of the family members. It makes certain a home of prosperity and peace. There will be no want; all human requirements will keep on being bestowed over the loved ones.
जा रहे हैं सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने, तो इन जगहों को भी करें अपनी यात्रा में शामिल
Parad Shivling has the special electrical power to evoke the power of Goddess Saraswati. Young children are blessed using this type of ability to get desire in the things they see and learn what is helpful and discard what exactly is undesirable. Worshiping the ling on Mondays will carry lots of adjustments: in services, prosperity, relationships, well being psychological and Bodily, corrects creating abnormalities – Vaastu Dosha.
इस शिवलिंग की स्थापना आप सोमवार या चंद्र के किसी भी नक्षत्र यानि रोहिणी, हस्त या श्रवण नक्षत्र में कर सकते हैं।
पारद श्री यंत्र को स्थापित करने की विधि:
हमने आपको पहले ही बताया था शिवलिंग की स्थापना विधि किसी जानकार के पास ही कराये या अपना कोई गुरु हे तो उसके पास कराये, शिवलिंग की पूजा करने से आपको अनगिनत फायदे होंगे घर से कलेश दूर हो जायेगा,घर के सदस्य सब प्रेम भाव से रहने लगेंगे,घर में आनेवाली बाधा ख़त्म हो जाएगी,अकाल मृत्यु से बचा जा सकता हे.
जो भी जातक इस शिवलिंग की पूजा करता है उसके घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। साथ ही उसे मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।
तत्क्षणद्विलयं यान्ति रसलिंगस्य दर्शनात्।।
दोनों ही शिवलिंग अपने आप में महत्वपूर्ण और पूजनीय हैं। पारद शिवलिंग को भगवान शिव का साक्षात् स्वरूप माना जाता है, जबकि स्फटिक शिवलिंग को स्वयंभू रूप माना जाता है। पारद शिवलिंग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और ग्रह दोषों को कम करने में सहायक माना जाता है, वहीं स्फटिक शिवलिंग मन को शांत करने और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक होता है। आप अपनी आवश्यकताओं और पूजा पद्धति के अनुसार इनमें से किसी एक शिवलिंग को चुन सकते हैं।
पूजा-पाठमध्ये दगडाव्यतिरिक्त वेगवेगळ्या धातूंचे शिवलिंगही ठेवले जाते. सर्व धातूंच्या शिवलिंग पूजेचे महत्त्व वेगवेगळे आहे. घरामध्ये स्थापित करण्यासाठी वेगवेगळ्या धातूंचे click here शिवलिंग बाजारात सहजपणे मिळतात. उज्जैनचे ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा यांच्यानुसार, कोणत्याही धातूचे छोटेसे शिवलिंग घरात ठेवावे.